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भारतीय नौसेना का ध्वज गुलामी के निशान से होगा मुक्त, पीएम मोदी शुक्रवार को अनावरण करेंगे, देश का पहला स्वदेशी विमानवाहक युद्धपोत भी राष्ट्र को करेंगे समर्पित

भारतीय नौसेना का ध्वज गुलामी के निशान से होगा मुक्त, पीएम मोदी शुक्रवार को अनावरण करेंगे, देश का पहला स्वदेशी विमानवाहक युद्धपोत भी राष्ट्र को करेंगे समर्पित

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by September 1, 2022 News

1 September. 2022. New Delhi. शुक्रवार 2 सितंबर को भारतीय नौसेना के ध्वज या निशान को बदल दिया जाएगा, मिली जानकारी के अनुसार इस ध्वज से ब्रिटिश कालीन गुलामी की छाप को हटा लिया जाएगा! इसे 2 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अनावरण किया जाएगा, जब प्रधानमंत्री देश के पहले स्वदेशी विमान वाहक युद्धपोत, विक्रांत को कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड कोच्चि, केरल में भारतीय नौसेना में कमीशन करेंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा कि इस आयोजन के दौरान प्रधान मंत्री नए नौसेना ध्वज (निशान) का भी अनावरण करेंगे, जो औपनिवेशिक अतीत को खत्म कर देगा और समृद्ध भारतीय समुद्री विरासत के अनुरूप होगा।”

दरअसल जनवरी 1950 को तत्कालीन रॉयल इंडियन नेवी को इंडियन नेवी नाम दिया गया, इससे पहले 1947 में ब्रिटिश कालीन नौसेना को रॉयल इंडियन नेवी और रॉयल पाकिस्तान नेवी में विभाजित किया गया था। 1950 में झंडे में ब्रिटिश विरासत रेड सेंट जॉर्ज क्रॉस को बरकरार रखा गया। ध्वज के बाएं शीर्ष कोने पर यूनियन जैक को तिरंगे से बदल दिया गया था। रेड सेंट जॉर्ज क्रॉस को 15 अगस्त 2001 तक बनाए रखा गया, जब क्रॉस को हटाया गया। 2004 में फिर क्रॉस को शामिल कर इसमें अशोक का प्रतीक लगाया गया था। 2014 में अशोक प्रतीक के तहत राष्ट्रीय आदर्श वाक्य “सत्यमेव जयते” जोड़ा गया था। नीचे चित्र में 2014 में अपनाया गया एक नौसेना का ध्वज है। क्षैतिज और ऊर्ध्वाधर लाल धारियों वाला एक सफेद झंडा, अशोक के प्रतीक और ‘सत्यमेव जयते’ शब्दों के साथ सेंट जॉर्ज के क्रॉस इसमें शामिल है। तिरंगे को ऊपरी दाएं कोने में रखा गया है। जिसे अब बदल दिया जाएगा!

इस मौके पर भारत के पहले स्वदेशी विमान वाहक युद्धपोत विक्रांत को भी नौसेना में शामिल किया जाएगा या कमीशन किया जाएगा, विक्रांत का नाम भारत के पहले विमान वाहक युद्धपोत के नाम पर रखा गया है, जिसने 1971 के युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जिसे विदेश से खरीदा गया था। देश में ही निर्मित आधुनिक विक्रांत में बड़ी संख्या में स्वदेशी उपकरण और मशीनरी हैं, इसे देश में ही बनाया गया है!

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