मोदी कैबिनेट का 75 लाख महिलाओं को मुफ्त गैस कनेक्शन देने का फैसला, ट्रैफिक चालान पर भी राहत, ई-कोर्ट्स प्रोजेक्ट के तीसरे चरण को भी मंजूरी
13 September. 2023. New Delhi. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने वित्तीय वर्ष 2023-24 से 2025-26 तक तीन वर्षों में 75 लाख एलपीजी कनेक्शन जारी करने के लिए प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (पीएमयूवाई) के विस्तार को मंजूरी दे दी है। निम्नलिखित दरों पर प्रति कनेक्शन के लिए कुल वित्तीय निहितार्थ 1650 करोड़ रुपये होगा:
- 14.2 किलोग्राम सिंगल बोतल कनेक्शन – 2200 रुपये प्रति कनेक्शन
- 5 किलो डबल बोतल कनेक्शन – 2200 रुपये प्रति कनेक्शन
- 5 किलो सिंगल बोतल कनेक्शन – 1300 रुपये प्रति कनेक्शन
उज्ज्वला 2.0 के मौजूदा नियमों के अनुसार, उज्ज्वला लाभार्थियों को पहला रिफिल और स्टोव भी मुफ्त प्रदान किया जाएगा।
पीएमयूवाई उपभोक्ताओं को प्रति वर्ष 12 रिफिल तक 14.2 किलोग्राम एलपीजी सिलेंडर पर 200 रुपये की लक्षित सब्सिडी प्रदान की जा रही है। पीएमयूवाई को जारी रखे बिना पात्र गरीब परिवारों को योजना के तहत उचित लाभ नहीं मिल पाएगा।
गरीब परिवारों को एलपीजी कनेक्शन से स्वच्छ खाना पकाने के ईंधन तक पहुंच मिलेगी, जिससे लकड़ी, कोयला, गोबर-कंडे आदि जैसे खाना पकाने के ईंधन के पारंपरिक स्रोतों के उपयोग के कारण होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं से बचने में उन्हें मदद मिलेगी। इससे महिलाओं की कार्यक्षमता में वृद्धि होगी और जलावन के लिए लकड़ी के संग्रह से जुड़े कठिन परिश्रम से बचने से उनकी गुणवत्ता में वृद्धि होगी।
कुछ पात्र परिवारों के पास अब भी एलपीजी कनेक्शन नहीं है। ऐसा कई कारणों से है – बढ़ती जनसंख्या, विवाह, प्रवासन, बंटवारे के बाद परिवारों का छोटा होना, घर छोड़ने, अत्यंत दूरस्थ स्थान आदि के परिणामस्वरूप हर साल नए परिवार इकाई बन जाती हैं। 31 अगस्त 2023 तक 15 लाख पीएमयूवाई कनेक्शन की मांग है।
पीएमयूवाई को एक सफल सामाजिक कल्याण योजना के रूप में व्यापक रूप से सराहा गया है, जिसने देश में एलपीजी की पहुंच को 2016 में 62% से बढ़ाकर अब लगभग पराकाष्ठा तक पहुंचाने में प्रमुख योगदान दिया है।
कैबिनेट की बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि कैबिनेट की ओर से जी-20 शिखर सम्मेलन के सफल आयोजन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देने के लिए एक प्रस्ताव भी पारित किया गया।
इसके अलावा ई-कोर्ट्स प्रोजेक्ट के तीसरे चरण को कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है, इसके तहत देश भर में करीब 18 हजार अदालतों का कंप्यूटराइजेशन किया जाएगा। ट्रैफिक चालान के मामले भी अब वर्चुअल कोर्ट में सुने जा सकेंगे, इसके लिए अदालत जाने की जरूरत नहीं होगी।
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