अब बिजली बिल कम या ज्यादा आना आपके हाथ में, सरकार ने बिजली बिल नीति में किया बड़ा बदलाव, जानिए कब बिल कम आएगा और कब ज्यादा
23 June. 2023. New Delhi. केंद्र सरकार की ओर से बिजली बिल नीति में बड़ा बदलाव किया गया है, अब उपभोक्ता के नियंत्रण में होगा कि वह अपना बिल कम कर सकता है। दरअसल केंद्र सरकार ने विद्युत (उपभोक्ता अधिकार) नियम, 2020 में संशोधन के माध्यम से प्रचलित बिजली टैरिफ प्रणाली में दो बदलाव पेश किए हैं। ये बदलाव हैं, दिन के समय (टीओडी) टैरिफ की शुरूआत, और स्मार्ट मीटरिंग प्रावधानों का युक्तिकरण।
दिन के समय (टीओडी) टैरिफ की शुरुआत – दिन के हर समय एक ही दर पर बिजली के लिए शुल्क लेने के बजाय बिजली के लिए आपके द्वारा भुगतान की जाने वाली कीमत दिन के समय के अनुसार अलग-अलग होगी। टीओडी टैरिफ प्रणाली के तहत सौर घंटों (राज्य विद्युत नियामक आयोग द्वारा निर्दिष्ट एक दिन में आठ घंटे की अवधि) के दौरान टैरिफ सामान्य टैरिफ से 10 से 20 प्रतिशत कम होगा, जबकि पीक घंटों के दौरान टैरिफ 10 से 20 प्रतिशत अधिक होगा। टीओडी टैरिफ 10 किलोवाट और उससे अधिक की अधिकतम मांग वाले वाणिज्यिक और औद्योगिक उपभोक्ताओं के लिए 1 अप्रैल, 2024 से और कृषि उपभोक्ताओं को छोड़कर अन्य सभी उपभोक्ताओं के लिए 1 अप्रैल, 2025 से लागू होगा। स्मार्ट मीटर वाले उपभोक्ताओं के लिए टाइम ऑफ डे टैरिफ स्मार्ट मीटर लगने के तुरंत बाद प्रभावी कर दिया जाएगा।
केंद्रीय विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर.के. सिंह ने कहा कि टीओडी उपभोक्ताओं के साथ-साथ बिजली प्रणाली के लिए भी फायदे का सौदा है। टीओडी टैरिफ में पीक आवर्स, सोलर आवर्स और सामान्य घंटों के लिए अलग-अलग टैरिफ शामिल हैं, उपभोक्ताओं को टैरिफ के अनुसार अपने लोड का प्रबंधन करने के लिए मूल्य संकेत भेजा जा सकता है। टीओडी टैरिफ तंत्र के बारे में जागरूकता और प्रभावी उपयोग से उपभोक्ता अपने बिजली बिल को कम कर सकते हैं। चूँकि सौर ऊर्जा सस्ती है, सौर ऊर्जा घंटों के दौरान टैरिफ कम होगा, इसलिए उपभोक्ता को लाभ होगा। गैर-सौर घंटों के दौरान थर्मल और जल विद्युत के साथ-साथ गैस आधारित क्षमता का उपयोग किया जाता है – उनकी लागत सौर ऊर्जा की तुलना में अधिक होती है – यह दिन के समय के टैरिफ में दिखाई देगी। अब उपभोक्ता अपनी बिजली लागत को कम करने के लिए अपने उपभोग की योजना बना सकते हैं – बिजली की लागत कम होने पर सौर घंटों के दौरान अधिक गतिविधियों की योजना बना सकते हैं।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अधिकांश राज्य विद्युत नियामक आयोग (एसईआरसी) ने देश में बड़े वाणिज्यिक और औद्योगिक (सी एंड आई) श्रेणी के उपभोक्ताओं के लिए पहले ही टीओडी टैरिफ लागू कर दिया है। स्मार्ट मीटर की स्थापना के साथ टैरिफ नीति के अनुसार घरेलू उपभोक्ता स्तर पर टीओडी मीटरिंग शुरू की जाएगी।
इसका फायदा ये होगा कि आप अपने घर में बिजली का उपयोग टैरिफ के समय के अनुसार प्रबंधित कर पाएंगे, यानीकि आप अपने घर में वाशिंग मशीन या दूसरी वैसी बिजली से चलने वाली मशीनों को उस समय पर उपयोग कर सकते हैं जब बिजली का बिल कम होगा और पीक आवर्स के दौरान जब बिजली का बिल ज्यादा होता है, उस समय आप कम से कम बिजली का उपयोग कर सकते हैं, ऐसा करके आप अपनी बिजली के बिल को कम कर पाएंगे।
स्मार्ट मीटरिंग प्रावधान में किये गए संशोधन के संबंध में नियम
सरकार ने स्मार्ट मीटरिंग के नियमों को भी आसान कर दिया है। उपभोक्ताओं की असुविधा/उत्पीड़न से बचने के लिए, उपभोक्ता की मांग में अधिकतम स्वीकृत भार/मांग से अधिक वृद्धि पर मौजूदा जुर्माने को कम कर दिया गया है। मीटरिंग प्रावधान में संशोधन के अनुसार, स्मार्ट मीटर की स्थापना के बाद, स्थापना तिथि से पहले की अवधि के लिए स्मार्ट मीटर द्वारा दर्ज की गई अधिकतम मांग के आधार पर उपभोक्ता पर कोई दंडात्मक शुल्क नहीं लगाया जाएगा। लोड संशोधन प्रक्रिया को भी इस तरह से तर्कसंगत बनाया गया है कि अधिकतम मांग को केवल तभी ऊपर की ओर संशोधित किया जाएगा जब स्वीकृत लोड एक वित्तीय वर्ष में कम से कम तीन बार से अधिक हो गया हो। इसके अलावा, स्मार्ट मीटर को दिन में कम से कम एक बार दूर से (रिमोटली) पढ़ा जाएगा और उपभोक्ताओं के साथ डेटा साझा किया जाएगा ताकि वे बिजली की खपत के बारे में सूचित निर्णय ले सकें।
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