चारधाम सड़क प्रोजेक्ट पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को दिया निर्देश, चौड़ाई कम रखने और पौधरोपण करने को भी कहा
उत्तराखंड के चारो धाम बदरीनाथ, केदारनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री को सड़क मार्ग से जोड़ने की महत्वाकांक्षी परियोजना चार धाम सड़क परियोजना को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को महत्वपूर्ण निर्देश दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के राजमार्ग मंत्रालय को निर्देश देते हुए कहा है कि सड़क का बचा हुआ काम मंत्रालय के 2018 के दिशा निर्देशों के अनुसार किया जाए। दरअसल अभी तक चार धाम प्रोजेक्ट में जिस सड़क का निर्माण किया गया है वह मंत्रालय के 2012 की गाइडलाइन के अनुसार किया गया है जिसमें सड़क की चौड़ाई को 12 मीटर रखा गया था। इससे सड़क बनाने से पर्यावरण को काफी नुकसान होने की बात कही गई है और अब सुप्रीम कोर्ट ने मंत्रालय को आदेश दिए हैं कि सड़क का बचा हुआ काम 2018 की गाइडलाइन के अनुसार किया जाए, जिसमें पहाड़ी इलाकों में सड़क की चौड़ाई 8 मीटर रखने की बात कही गई है, ताकि पर्यावरण को नुकसान ना हो।
हालांकि केंद्र सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में तर्क दिया गया कि इस सड़क का उपयोग चीन सीमा में होने के कारण सामरिक रूप से भी उपयोगी है लेकिन इसके बावजूद भी सुप्रीम कोर्ट ने पर्यावरण के पहलुओं को ध्यान में रखते हुए दो हजार अट्ठारह की गाइड लाइन के अनुसार सड़क के निर्माण के लिए कहा है। कोर्ट ने यह भी कहा कि जहां जहां सड़क निर्माण के कारण पर्यावरण को नुकसान हुआ है वहां पौधारोपण भी किया जाए। सरकार की ओर से कहा गया कि यह काम पहले से किया जा रहा है। दरअसल उत्तराखंड के चारों धामों को जोड़ने की महत्वकांक्षी परियोजना केंद्र सरकार ने 2016 में शुरू की थी, परियोजना के तहत करीब 75% काम पूरा हो गया है अब बचे हुए 25% का काम केंद्रीय सड़क और राजमार्ग मंत्रालय को सुप्रीम कोर्ट के वर्तमान आदेशों के तहत करना होगा।
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