Uttarakhand ऑल वेदर चारधाम सड़क परियोजना में आ रहे कुछ अड़ंगों से देरी, केंद्र ने किया आगाह, सीएम से किया विशेष अनुरोध
उत्तराखंड में बन रही ऑल वेदर चार धाम सड़क परियोजना की केंद्र और राज्य सरकार के स्तर पर एक समीक्षा बैठक के दौरान केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने स्थानीय स्तर पर भूमि अधिग्रहण और पर्यावरण मामलों में लंबित मुद्दों को निपटाने में हो रही देरी पर चिंता व्यक्त की, केंद्रीय मंत्री ने लंबित मुद्दों को निपटाने में हो रही देरी पर चिंता व्यक्त करते हुए राज्य सरकार को आगाह किया और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से इस मामले में व्यक्तिगत तौर पर हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया, इस दौरान केंद्रीय वन और पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर और राज्य और केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे, ये समीक्षा बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आयोजित की गई।
एक आधिकारिक जानकारी के अनुसार गडकरी ने सभी लंबित मुद्दों को शीघ्र सुलझाने और भूमि अधिग्रहण का कार्य जल्द से जल्द पूरा करने को कहा। उन्होंने विशेष जोर देते हुए कहा कि यह अत्यंत राष्ट्रीय महत्व की परियोजना है और सभी संबंधित व्यक्तियों को इसी दृष्टिकोण से इस पर काम करना चाहिए। उन्होंने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि वे राज्य सरकार के स्तर पर विशेषकर पर्यावरण, भूमि अधिग्रहण आदि से संबंधित लंबित मुद्दों की व्यक्तिगत रूप से समीक्षा करें एवं करीबी नजर रखें। उन्होंने इसमें जानबूझकर देरी किए जाने के खिलाफ आगाह किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि वो इस मामले को खुद देखेंगे, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस दौरान गृष्म कालीन राजधानी बनने के बाद गैरसेंण को जोड़ने वाले राजमार्ग के चौड़ीकरण की जरूरत बताई, जिस पर केंद्रीय मंत्री ने सैद्धांतिक सहमति जता दी है। मुख्यमंत्री ने अल्मोड़ा-चौकोड़ी-मुंसियारी सड़क के भी चौड़ीकरण की बात रखी, जिस पर केंद्रीय मंत्री गडकरी ने कहा कि इसका कुछ हिस्सा स्वीकृत हो चुका है।
इस अवसर पर केंद्रीय पर्यावरण मंत्री जावड़ेकर ने उच्चाधिकार प्राप्त समिति की सिफारिशों के आधार पर सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा इस परियोजना के कार्यान्वयन पर विशेष जोर दिया। पर्यावरण मंत्री ने परियोजनाओं को जल्द पूरा करने के लिए मंत्रालय की ओर से सभी आवश्यक सहयोग देने का आश्वासन दिया। जावड़ेकर ने बताया कि उत्तराखंड सरकार द्वारा तैयार की गई और जल शक्ति मंत्रालय द्वारा आकलित की गई भागीरथी पर्यावरण-संवेदी क्षेत्र के लिए जोनल मास्टर प्लान (जेडएमपी), को 16 जुलाई, 2020 को मंजूरी दे दी गई है। जोनल मास्टर प्लान ऐतिहासिक दृष्टिकोण पर आधारित है और इसमें वन एवं वन्यजीव, जल-संभर के प्रबंधन, सिंचाई, ऊर्जा, पर्यटन, सार्वजनिक स्वास्थ्य और स्वच्छता, सड़क अवसंरचना, आदि के क्षेत्र में गवर्नेंस शामिल है।
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