Uttarakhand धामी सरकार की पहली कैबिनेट बैठक, पढ़िए ‘यूनिफॉर्म सिविल कोड’ पर क्या हुआ महत्वपूर्ण फैसला
24 March 2022. Dehradun. उत्तराखंड में पुष्कर सिंह धामी के दोबारा मुख्यमंत्री बनने के बाद धामी सरकार की पहली कैबिनेट बैठक गुरुवार को देहरादून में हुई। इस बैठक में यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर के महत्वपूर्ण फैसला लिया गया। कैबिनेट में यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर एक उच्च स्तरीय कमेटी गठित करने का प्रस्ताव पारित किया गया। यह कमेटी यूनिफॉर्म सिविल कोड के लिए ड्राफ्ट कानून तैयार करेगी। बैठक के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आज नई सरकार का गठन होने के बाद मंत्रिमंडल की पहली बैठक हुई। 12 फरवरी 2022 को हमने जनता के समक्ष संकल्प लिया था कि हमारी सरकार का गठन होने पर हम यूनिफॉर्म सिविल कोड लेकर आएंगे। आज हमने तय किया है कि हम इसे जल्द ही लागू करेंगे। धामी ने कहा कि हम एक उच्च स्तरीय कमेटी बनाएंगे और वो कमेटी इस कानून का एक ड्राफ्ट तैयार करेगी और हमारी सरकार उसे लागू करेगी। आज मंत्रिमंडल में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर दिया है। अन्य राज्यों से भी हम अपेक्षा करेंगे कि वहां पर भी इसे लागू किया जाए। आपको बता दें कि यूनिफॉर्म सिविल कोड यानीकि समान नागरिक संहिता लागू होने के बाद राज्य में सभी धर्मों के लिए एक सा कानून लागू होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ये ‘यूनिफॉर्म सिविल कोड’ संविधान निर्माताओं के सपनों को पूरा करने की दिशा में एक अहम कदम होगा और संविधान की भावना को मूर्त रूप देगा। ये भारतीय संविधान के आर्टिकल 44 की दिशा में भी एक प्रभावी कदम होगा, जो देश के सभी नागरिकों के लिए समान नागरिक संहिता की संकल्पना प्रस्तुत करता है। सर्वोच्च न्यायालय ने भी समय-समय पर इसे लागू करने पर ज़ोर दिया है। साथ ही, इस महत्वपूर्ण निर्णय में हमें गोवा राज्य से भी प्रेरणा मिलेगी जिसने एक प्रकार का ‘यूनिफॉर्म सिविल कोड’ लागू करके देश में एक उदाहरण पेश किया है।
उत्तराखंड में जल्द से जल्द ‘यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने से राज्य के सभी नागरिकों के लिए समान अधिकारों को बल मिलेगा। इससे राज्य में सामाजिक समरसता बढ़ेगी, जेंडर जस्टिस को बढ़ावा मिलेगा, महिला सशक्तिकरण को ताकत मिलेगी, और साथ ही देवभूमि की असाधारण सांस्कृतिक आध्यात्मिक पहचान को, यहाँ के पर्यावरण को सुरक्षित रखने में भी मदद मिलेगी। उत्तराखंड का ‘यूनिफॉर्म सिविल कोड’ दूसरे राज्यों के लिए भी एक उदाहरण के रूप में सामने आएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उपरोक्त पृष्ठभूमि में उदेश्य को प्राप्त करने के लिए उत्तराखण्ड राज्य में रहने वाले सभी नागरिकों के व्यक्तिगत नागरिक मामलों को नियंत्रित करने वाले सभी प्रासंगिक कानूनों की जांच करने और मसौदा कानून या मौजूदा कानून में संशोधन के साथ उस पर रिपोर्ट करने के लिए विवाह, तलाक, सम्पत्ति के अधिकार, उत्तराधिकार से सम्बंधित लागू कानून और विरासत, गोद लेने और रख रखाव और संरक्षता इत्यादि के लिए एक विशेषज्ञों, वुद्धिजीवियों और हितधारकों की एक समिति उच्चतम न्यायालय / उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश / मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता में, गठित करने का प्रस्ताव है। राजपत्र में अधिसूचना के माध्यम से उत्तराखण्ड सरकार उपरोक्तानुसार एक समिति का गठन करेगी जिसमें उसकी संरचना, संदर्भ की शर्तें आदि का भी उल्लेख रहेगा।
वहीं धामी सरकार की पहली केबिनेट के अवसर पर भारतीय जनता पार्टी संगठन ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सरकार का दृष्टि पत्र सौंपा। प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक तथा प्रदेश महामन्त्री संगठन अजेय कुमार ने सीएम को दृष्टि पत्र सौंपा। प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने कहा कि जनता ने भाजपा और भाजपा के दृष्टि पत्र पर भरोसा किया है और सरकार उस पर पूरी तरह से खरी उतरेगी। उन्होंने कहा कि युवा सीएम पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व मे मंत्रिमंडल के सदस्य राज्य को तरक्की की दिशा मे ले जाने के लिए अधिक ऊर्जा से कार्य करेंगे। इस अवसर पर प्रदेश महामंत्री सुरेश भट्ट और मंत्री मंडल के सभी सदस्य उपस्थित रहे।
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