Video अल्मोड़ा में कुमाउंनी खड़ी होली, ऐसा भव्य दृश्य कम ही देखने को मिलता है
कुमाऊँनी होली अपनी अलग ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पहचान रखती है, कुमाऊं में होली का ये त्यौहार दो महीने चलता है। कुमाऊँ में होली बहुत महत्वपूर्ण है और यहाँ रंगों के इस त्यौहार का एक अलग ही रंग देखने को मिलता है। यह त्यौहार जाड़े के अंत और फसल बोने के मौसम के आगमन की सूचना देता है। कुमाऊँ में होली का स्वरुप देश में अन्य जगह मनाई जाने वाले होली से अलग है। यहाँ होली ‘बैठकी होली’ और ‘खड़ी होली’ के रूप में मनाई जाती है| दोनों ही होली में लोक गीत वाद्ययंत्रों (ढोलक, हार्मोनियम, ढोल) के साथ गाये जाते हैं। अधिकतर गीत हमारे धार्मिक महाकाव्यों रामायण, महाभारत और पुराणों में कही गई कहानियों को बयां करते हैं, और कई गीत पहाड़ी रोजमर्रा के जीवन और हँसी-ठिठोली को। इन गीतों की भाषा ब्रज भाषा, खडी बोली और कुमाऊँनी भाषा का मिश्रण है| हर गीत का अपना समय और राग- ताल है, होली गाने वालों को ‘होल्यार’ कहते हैं। अब आप अल्मोड़ा में कुमाऊंनी खड़ी होली का एक विहंगम दृश्य देख सकते हैं…..
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