अमेरिका में PM मोदी : संयुक्त राष्ट्र में सदस्य देशों से प्राकृतिक आपदा प्रबंधन से जुड़ने का किया आह्वान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जलवायु परिवर्तन के मौजूदा ख़तरे से निपटने के लिए संयुक्त राष्ट्र सदस्य देशों से प्राकृतिक आपदा प्रबंधन से जुड़ने का आह्वान किया। न्यूयार्क में जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने बताया कि भारत एक विकासशील देश होते हुए भी प्रकृति और आधुनिक आर्थिक गतिविधियों के बीच सामंजस्य बना कर आगे बढ़ रहा है।
पीएम मोदी ने भारत और स्वीडन के अन्य सहयोगियों के साथ मिलकर, “इंडस्ट्री ट्रांजीशन ट्रैक” के “लीडरशिप ग्रुप” के लॉन्च पर खुशी जतायी है। यह पहल सरकारों और निजी क्षेत्र को साथ लाकर इंटस्ट्री के लिए लो कार्बन Pathways बनाने में अहम भूमिका अदा करेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिहाज से आदतों में बदलाव लाने के लिए एक वैश्विक जन आंदोलन की जरूरत बताई ।
पीएम मोदी ने कहा कि इस लेकर हमारी नीति लालच की नहीं बल्की जरूरत की है.. पीएम ने भारत के गैर-परंपरागत ईंधन उत्पादन के लक्ष्य को दोगुने से अधिक बढ़ाकर वर्ष 2022 तक 450 गीगावाट तक पहुंचाने का संकल्प व्यक्त किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जलवायु परिवर्तन की समस्या से निपटने के लिए समग्र दृष्टिकोण अपनाने का आह्वान किया।
उन्होंने देश में सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का जिक्र करते हुए कहा कि भारत में ई-मोबिलीटी को बढ़ावा दिया गया है इसके साथ ही 1.5 करोड़ लोगों को स्वच्छ ईंधन मुहैया कराया गया है। सम्मेलन का उदघाटन करते हुए संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुतारेस ने दुनिया भर में हो रहे जलवायु परिवर्तन पर चिंता जताते हए कहा- कि जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए हमें अपनी जीवन शैली में बदलाव कि जरूरत है।
गुतारेस ने दुनिया के नेताओं से जलवायु परिवर्तन पर कार्रवाई करने और समस्या के समाधान मुहैया कराने का आह्वान किया। यूएन में जलवायु परिवर्तन पर हुए सत्र को स्वीडन की पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने भी संबोधित किया। उन्होंने कहा कि कि 10 सालों में अपने उत्सर्जन को आधा करने के अपने विचार से हम पर्यावरण को हो रहे खतरों से निपट नहीं पायेंगे।
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