उत्तराखंड में कई इलाकों में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि ने फसलों को किया चौपट, किसानों की चिंता बढ़ी
उत्तराखंड में बुधवार से लेकर गुरुवार शाम तक राज्य के ऊंचाई वाले इलाकों में जहां बर्फबारी हुई तो वहीं कई निचले इलाकों में बारिश और ओलावृष्टि देखी गई ! इस बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि का सबसे ज्यादा असर किसानों पर पड़ रहा है ! इससे कई जिलों में खेतों में खड़ी मटर, गेहूं आदि फसलों के साथ सेब, आडू, खुमानी, नाशपाती, अखरोट आदि बागवानी चौपट हो गई है। देहरादून से जुड़े जौनसार भाबर क्षेत्र की बात करें या कुमाऊंं के ऊपरी जिले पिथौरागढ़ और चंपावत की, यहां कई गांव में बेमौसम ओलावृष्टि और बारिश से किसानों की फसल चौपट हो गई है। जौनसार भाबर के बजऊ, डांडा, सवाई, इछला, मागटी, पोखरी आदि गांवों में किसान अपनी फसल और सब्जी, फलों की हालत देखकर काफी चिंतित हैं।
पिथौरागढ़ के सीमांत गांव तांकुल में बुधवार रात अतिवृष्टि से व्यापक तबाही मची है। गांव को जोड़ने वाली दो पैदल पुलिया के साथ ही संपर्क मार्ग बह गया, पेयजल योजना क्षतिग्रस्त हो गई है। बेरीनाग में बारिश और ओलावृष्टि के चलते छह बकरियों की मौत हो गई, जबकि 12 से अधिक मवेशी लापता हो गए। तहसील के रीठा रैतोली, अनोली, असूर, चौड़मन्या, देवीनगर, जगथली, काशीथल, बुडसीमा, लालुका, कालेटी, गुरबुरानी समेत कई गांवों में ओलावृष्टि से फसल, फल और सब्जियों को काफी नुकसान हुआ है।पिथौरागढ़ के जाख पुरान क्षेत्र में ओलों की मार से फसलों को व्यापक नुकसान पहुंचा है। केदारनाथ, बदरीनाथ, हेमकुंड साहिब, रुद्रनाथ, गौरसों बुग्याल के साथ ही ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी हुई है, केदारघाटी में बारिश और ओलावृष्टि से फसलों को नुकसान पहुंचा है, राज्य के कुछ दूसरे पहाड़ी जिलों में भी कई गांवों में फसलों और सब्जियों और फलों को बेमौसम बरसात और ओलावृष्टि ने नुकसान पहुंचाया, इस सब को देखते हुए किसानों की चिंताएं बढ़ गई हैं । कई इलाकों में किसानों ने सरकार से मदद की गुहार लगाई है, किसानों का कहना है कि इस बार जिस तरह का मौसम बना हुआ है उससे उनकी साल भर की मेहनत पर पानी फिरने की संभावना दिख रही है।
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Mirror News