उत्तराखंड : लंबे समय से गायब 100 डॉक्टरों की सेवा समाप्त, CM ने कहा डैंगू को लेकर महामारी जैसी स्थिति नहीं
उत्तराखंड में लंबे समय से गायब 100 डॉक्टरों की सेवा समाप्त कर दी गई है, मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार लंबे समय से अनुपस्थित चल रहे डॉक्टरों पर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं और ऐसे 100 डॉक्टरों को हटाया गया है। मुख्यमंत्री ने जिला अस्पतालों में ICU के काम में तेजी लाने के निर्देश भी स्वास्थ्य विभाग को दिये हैं । H1N1 इन्फ्लुएंजा से बचाव के लिए व्यापक तैयारियों व दवाइयों का पर्याप्त स्टॉक रखने के भी आदेश दिये गए हैं। मुख्यमंत्री ने बताया कि पहाड़ी क्षेत्रों में हाईरिस्क प्रेगनेंसी के मामलों पर अधिकारियों व डॉक्टरों को लगातार नजर रखने के निर्देश दिए हैं। सुरक्षित प्रसव हर हाल में सुनिश्चित किया जायेगा। रुद्रप्रयाग जिले में इस दिशा में सराहनीय कार्य हो रहा है, इससे अन्य जिले भी सबक लेंगे।
वहीं दिन में एक संवाददाता सम्मेलन में मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में डेंगू को लेकर कोई महामारी जैसी स्थिति नहीं है और पैरासिटामोल की 650 मिग्रा की खुराक खाने और आराम करने से यह बीमारी ठीक हो जाती है । मुख्यमंत्री रावत ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा कि डेंगू को लेकर प्रदेश में भयावह स्थिति पेश की जा रही है जिससे जनता भी घबरा रही है और डेंगू की जांच करवाने को लेकर अस्पतालों के चक्कर लगा रही है ।
उन्होंने दावा किया प्रदेश में इस साल अब तक डेंगू से केवल छह मौतें हुई हैं जिनमें से चार देहरादून में और दो हल्द्वानी शहर में हुई हैं । उन्होंने यह भी दावा किया कि प्रदेश के किसी भी सरकारी अस्पताल में डेंगू से कोई मौत नहीं हुई है ।
( उत्तराखंड के नंबर वन न्यूज, व्यूज और समसामयिक विषयों के पोर्टल मिरर उत्तराखंड से जुड़ने और इसके लगातार अपडेट पाने के लिए नीचे लाइक बटन को क्लिक करें)